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वाली क़ुरबानी का सब गोश्त फ़ुक़रा (फ़क़ीरों) और मसाकीन (मिस्कीनों) को सदक़ा करना वाजिब है, न ख़ुद खाए, न मालदारों को दे । (बहारे शरीअ़त, 3 / 345, ह़िस्सा : 15, माख़ूज़न)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
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