Baap Kay Huqooq

Book Name:Baap Kay Huqooq

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

जूते पेहनने की सुन्नतें और आदाब

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइए ! अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" से जूते पेहनने की सुन्नतें और आदाब सुनते हैं । फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم : (1) जूते कसरत से इस्तिमाल किया करो कि आदमी जब तक जूते पेहने होता है, गोया वोह सुवार होता है  ( यानी कम थकता है) । (مُسلِم، ص۱۱۶۱، حدیث: ۲۰۹۶) (2) जूते पेहनने से पेहले झाड़ लीजिए ताकि कीड़ा या कंकर वग़ैरा हो, तो निकल जाए । (3) फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم : जब तुम में से कोई जूते पेहने, तो सीधी जानिब से इब्तिदा करनी चाहिए और जब उतारे, तो उल्टी जानिब से इब्तिदा करनी चाहिए ताकि सीधा पाउं पेहनने में अव्वल और उतारने में आख़िरी रहे (بُخاری،۴/۶۵،حدیث:۵۸۵۵) ٭ आला ह़ज़रत, इमाम अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : जब मस्जिद में जाना हो, तो पेहले उल्टे पाउं को निकाल कर जूते पर रख लीजिए फिर सीधे पाउं से जूता निकाल कर मस्जिद में दाख़िल हो जाइए और जब मस्जिद से बाहर हो, तो उल्टा पाउं निकाल कर जूते पर रख लीजिए फिर सीधा पाउं निकाल कर सीधा जूता पेहन लीजिए फिर उल्टा पेहन लीजिए । (नुज़्हतुल क़ारी, 5 / 530) ٭ मर्द मर्दाना और औ़रत ज़नाना जूता इस्तिमाल करे । ٭ किसी ने ह़ज़रते आ़इशा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا से कहा : एक औ़रत (मर्दों की त़रह़) जूते पेहनती है । उन्हों ने फ़रमाया : रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم ने मर्दानी औ़रतों पर लानत फ़रमाई है । (ابوداود،۴/۸۴،حديث:۴۰۹۹) ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुफ़्ती मुह़म्मद अमजद अ़ली आज़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : यानी औ़रतों को मर्दाना जूता नहीं पेहनना चाहिए बल्कि वोह तमाम बातें जिन में मर्दों और औ़रतों का इम्तियाज़ होता है, उन में हर एक को दूसरे की वज़अ़ इख़्तियार करने (यानी नक़्क़ाली करने) से मुमानअ़त है, न मर्द औ़रत की वज़अ़ (त़र्ज़) इख़्तियार करे, न औ़रत मर्द की ।(बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा : 16, स. 65) ٭ जब बैठें, तो जूते उतार लीजिए कि इस से क़दम आराम पाते हैं । ٭ (तंगदस्ती का एक सबब येह भी है कि) औंधे जूते को देखना और उस को सीधा न करना । "दौलते बे ज़वाल" में लिखा हअगर रात भर जूता औंधा पड़ा रहा, तो शैत़ान उस पर आ कर बैठता है, वोह उस का तख़्त है । (सुन्नी बिहिश्ती ज़ेवर, ह़िस्सा : 5, स. 601)