Book Name:Baap Kay Huqooq
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! हर काम से पेहले अच्छी अच्छी निय्यतें करने की आ़दत बनाइए कि अच्छी निय्यत बन्दे को जन्नत में दाख़िल कर देती है । बयान सुनने से पेहले भी अच्छी अच्छी निय्यतें कर लीजिए । मसलन निय्यत कीजिए ٭ इ़ल्म सीखने के लिए पूरा बयान सुनूंगा । ٭ बा अदब बैठूंगा । ٭ दौराने बयान सुस्ती से बचूंगा । ٭ अपनी इस्लाह़ के लिए बयान सुनूंगा । ٭ जो सुनूंगा, दूसरों तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
सब से ज़ियादा बदबख़्त और नेक बख़्त कौन ?
माहनामा फै़ज़ाने मदीना में है, एक आराबी शख़्स का बयान है : मैं अपनी बस्ती से इस इरादे से चला कि मालूम करूं लोगों में सब से ज़ियादा बदबख़्त और नेक बख़्त कौन है ? चुनान्चे, मेरा गुज़र एक ऐसे बूढ़े शख़्स के पास से हुवा जिस की गरदन में रस्सी बंधी हुई थी, जिस के साथ एक बड़ा डोल भी लटक रहा था । एक नौजवान उस बूढ़े को कोड़े से मार रहा था । मैं ने उस नौजवान से कहा : इस बूढ़े और कमज़ोर शख़्स के बारे में तुझे अल्लाह पाक का ख़ौफ़ नहीं ? इस की गरदन में पेहले ही एक रस्सी और डोल लटक रहा है जिस से येह परेशान है, इस के बा वुजूद तू इसे कोड़े से भी मार रहा है । नौजवान ने कहा : मज़ीद भी जान लो कि येह मेरा बाप भी है । मैं ने कहा : अल्लाह पाक तुझे कोई भलाई न दे ! (क्या कोई अपने बाप के साथ भी इस त़रह़ का ज़ालिमाना सुलूक करता है ?) नौजवान बोला : ख़ामोश रहो ! तुम्हें क्या मालूम ? येह भी अपने बाप के साथ ऐसा ही सुलूक करता था और इस का बाप भी अपने बाप (यानी इस के दादा) के साथ इसी त़रह़ का सुलूक किया करता था । मैं ने येह मन्ज़र देखने के बाद कहा : येही बूढ़ा शख़्स सब से ज़ियादा बदबख़्त है । फिर मैं आगे चल दिया, यहां तक कि एक नौजवान के पास पहुंचा जिस की गरदन में खजूर के पत्तों से बनी हुई एक टोकरी थी और उस में चूज़े की त़रह़ कमज़ोर एक बूढ़ा शख़्स मौजूद था । वोह नौजवान हर वक़्त उसे साथ रखता था और चूज़े की त़रह़ उस की देखभाल करता था । मैं ने कहा : येह क्या मुआ़मला है ? उस ने जवाब दिया : येह मेरा बाप है जो अपनी अ़क़्ल खो बैठा है, मैं इस की देखभाल में लगा रेहता हूं । मैं ने कहा : येही नौजवान लोगों में सब से ज़ियादा नेक बख़्त है । (المحاسن والمساوی،۱/۲۳۵)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! इस ह़िकायत से मालूम हुवा ! बाप के साथ ह़ुस्ने सुलूक करने वाला लोगों में सब से ज़ियादा नेक बख़्त है जबकि बुरा सुलूक करने वाला सब से बड़ा बदबख़्त है । अल्लाह पाक की पनाह ! इस बात में कोई शक नहीं कि मां-बाप के साथ बुरा सुलूक करने वाले के लिए दुन्या व आख़िरत में बरबादी ही बरबादी है, लिहाज़ा हर एक को अपने वालिदैन के साथ नेक सुलूक करना चाहिए और उन की फ़रमां बरदारी करते हुवे उन का सौंपा हुवा हर जाइज़ काम फ़ौरन बजा लाना चाहिए । हां ! अगर वोह शरीअ़त के ख़िलाफ़ कोई ह़ुक्म दें, तो इस में उन की