Ghous-e-Azam Ka Khandaan

Book Name:Ghous-e-Azam Ka Khandaan

अपने घरों को इस ह़ाल में लौटे कि तमाम के तमाम बारिश से गीले थे और पूरा जीलान ख़ुशह़ाल हो गया (بہجۃالاسرار ، ذکرنسبہ وصفتہ ،  ص۱۷۳ملخصاً)

       प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! ज़रा सोचिए तो सही ! ख़ानदाने ग़ौसे आज़म की येह शान है, तो इन के नानाजान صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ख़ानदान, वालिदैने मुस्त़फ़ा, अहले बैते अत़्हार رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُمْ اَجْمَعِیْن और उम्महातुल मोमिनीन رَضِیَ اللّٰہُ  عَنْہُنَّ اَجْمَعِیْن की क्या ही शान होगी और जिन्हों ने प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सोह़बत पाई, उन चमकते दमकते सितारों का क्या मक़ाम होगा !

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

औलियाए किराम की सोह़बत की बरकात

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! औलियाए किराम की मह़ब्बत बिगड़ियां बना देती है, औलियाए किराम की मह़ब्बत शैत़ान से बचने का कामयाब तरीन हथयार है, औलियाए किराम की मह़ब्बत शैत़ान के वारों को पेहचानने का ज़बरदस्त ज़रीआ़ है, औलियाए किराम की मह़ब्बत रब्बे करीम की पेहचान का ज़रीआ़ है, औलियाए किराम की मह़ब्बत गुनाहों से नफ़रत करने वाली बना देती है, औलियाए किराम की मह़ब्बत दुन्या आख़िरत की भलाइयां पाने का नुस्ख़ा है, औलियाए किराम की मह़ब्बत विलायत की मन्ज़िल तक पहुंचा देती है, अल ग़रज़ ! औलियाए किराम से मह़ब्बत करने वाली इस्लामी बहन उन के फ़ुयूज़ो बरकात से ख़ूब मालामाल होती और रिज़ाए इलाही पाने में कामयाब हो जाती है

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! हमारे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ भी अल्लाह करीम के मक़्बूल वली बल्कि वलियों के सरदार हैं, अल्लाह पाक ने आप को येह त़ाक़तो क़ुव्वत बख़्शी है कि आप शैत़ान के छुपे वारों को सिर्फ़ अच्छी त़रह़ पेहचानते हैं बल्कि अल्लाह पाक की अ़त़ा से उन को नाकाम बनाने का इख़्तियार भी रखते हैं आइए ! सुनती हैं कि ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की बरकत से आप की ज़ौजा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا, शैत़ान के वार से कैसे मह़फ़ूज़ रहीं चुनान्चे,

शैत़ान के छुपे हुवे वार को नाकाम बना दिया

          सरकारे बग़दाद, ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के शहज़ादे, सय्यिद शैख़ अ़ब्दुल जब्बार رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ अपनी वालिदए माजिदा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا के बारे में फ़रमाते हैं : जब भी वालिदए मोह़तरमा किसी अन्धेरे मकान में तशरीफ़ ले जातीं, तो वोह जगह चराग़ की त़रह़ रौशन (Bright) हो जाती । एक मौक़अ़ पर मेरे वालिदे मोह़तरम, ह़ुज़ूरे ग़ौसे आज़म رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ भी वहां तशरीफ़ ले आए, जैसे ही उन की नज़र उस रौशनी पर पड़ी, तो वोह रौशनी ग़ाइब हो गई । आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने इरशाद फ़रमाया : येह चराग़ ह़क़ीक़त में शैत़ान था जो तुम्हारी ख़िदमत करता था और तुम्हें गुमराह करने के लिए आता था, इस लिए मैं ने उसे ख़त्म कर दिया, अब मैं तुम्हारी उस रौशनी को रह़मानी नूर में तब्दील किए देता हूं । चुनान्चे, इस के बाद जब भी