Ghous-e-Azam Ka Khandaan

Book Name:Ghous-e-Azam Ka Khandaan

अम्मीजान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا किसी अन्धेरे मकान में तशरीफ़ ले जातीं, तो वहां ऐसी रौशनी हो जाती जैसे चांद की चांदनी हुवा करती है (بہجۃ الاسرار  ، ص۱۹۶)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          سُبْحٰنَ اللّٰہ ! आप ने सुना कि शैख़ सय्यिद अबू मुह़म्मद अ़ब्दुल क़ादिर जीलानी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ कैसी शानो शौकत वाले हैं कि आप के वुजूदे मस्ऊ़द की बरकत से शैत़ान भाग गया और आप की ज़ौजए मोह़तरमा उस मर्दूद के छुपे हुवे वार से मह़फ़ूज़ हो गईं मालूम हुवा ! शैत़ान बड़ा चालाक है, वोह त़रह़ त़रह़ के जादूई करतब (Magical Tricks) भी दिखाता है, उस के वार से हमेशा ख़बरदार रेहना चाहिए, अपनी अ़क़्ल होश्यारी पर एतिमाद करने के बजाए अल्लाह पाक के फ़ज़्लो करम पर नज़र रखनी चाहिए

          याद रहे ! जिस के पास माल होता है उस के पास चोर आता है, जिस के पास दौलते ईमान है उस के पास ईमान का लुटेरा शैत़ान ज़रूर आता है, जिस का ईमान जितना मज़बूत़ होता है उस के पास उसी क़दर नेकियों के ख़ज़ाने की भी कसरत होती है, लिहाज़ा वहां शैत़ान बहुत ज़ियादा ज़ोर लगाता है हमारे पीरो मुर्शिद, ह़ुज़ूरे ग़ौसे आज़म رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की ज़ौजए मोह़तरमा के पास ईमान आमाल के ख़ज़ाने के अम्बार देख कर शैत़ान ने डाका डालने की ख़त़रनाक कोशिश की मगर अल्लाह पाक के फ़ज़्लो करम और वलियों के सरदार, ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक की बरकत से वोह मर्दूद नाकाम ना मुराद हो गया

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आइए ! ईमान आमाल की ह़िफ़ाज़त के लिए ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के दामने करम से वाबस्ता हो जाइए आइए ! शैत़ानी चालों से बचने के लिए ग़ौसे पाक की ग़ुलामी का पट्टा अपने गले में डाल लीजिए आइए ! ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के दामने करम से वाबस्ता हो जाइए और अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के ज़रीए़ क़ादिरी अ़त़्त़ारी सिलसिले में बैअ़त हो कर फै़ज़ाने ग़ौसे पाक से मालामाल हो जाइए

मुरीद होने के फ़ाइदे

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! याद रहे ! किसी पीरे कामिल से मुरीद होने की बहुत बरकतें और फ़ाइदे हैं : मसलन ٭ इस की बरकत से ईमान की ह़िफ़ाज़त नसीब होती है ٭ नमाज़, रोज़े की पाबन्दी नसीब होती है ٭ फ़र्ज़ उ़लूम सीखने की सोच मिलती है ٭ ह़लाल, ह़राम की पेहचान नसीब होती है ٭ एह़तिरामे मुस्लिम जज़्बए ईमानी नसीब होता है ٭ शैत़ान से ह़िफ़ाज़त होती है ٭ दिल में इ़बादत का शौक़ और तिलावते क़ुरआन का ज़ौक़ मिलता है ٭ बुरी सोह़बत से बचने का ज़ेहन बनता है ٭ दीन की मालूमात ह़ासिल होती हैं ٭ गुनाहों से तौबा नसीब होती है ٭ दीनी दुन्यावी परेशानियां दूर होती हैं ٭ इन्सान का किरदार अच्छा  हो जाता है