Ghous-e-Azam Ka Khandaan

Book Name:Ghous-e-Azam Ka Khandaan

सीखने का एहतिमाम किया ?) हम ने इस के लिए क्या कोशिश की ? बद क़िस्मती से इतना भी नहीं आता कि जिस से नमाज़ ही दुरुस्त हो सके क्यूंकि येह सीखने के लिए हमें शौक़ है, जज़्बा है और ही वक़्त निकालने की कोशिश करती हैं अल्लाह पाक हमें वक़्त की क़द्र करते हुवे तालीमे क़ुरआन ह़ासिल करने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए

          बयान कर्दा ह़िकायत से जिस त़रह़ हमारे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की वालिदए माजिदा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا के शौके़ तिलावत का पता चला, वहीं येह भी मालूम हुवा कि ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ पैदाइशी वली हैं, आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की करामात आप के पैदा होते ही ज़ाहिर होना शुरूअ़ हो गई थीं और वालिदए माजिदा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا के पेट मुबारक से ही 18 पारे याद फ़रमा कर दुन्या में जल्वागर हुवे थे लिहाज़ा हमें चाहिए कि हम भी कुछ कुछ वक़्त निकाल कर तिलावते क़ुरआने करीम की सआ़दत पाएं, सीखी हुई हैं, तो दूसरों को सिखाएं, बड़ी उ़म्र की (बालिग़ा) इस्लामी बहनें मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में पढ़ें या पढ़ाएं, अपने बच्चों, बच्चियों को मदारिसुल मदीना में दाख़िल करवाएं और दूसरों पर भी इस त़रह़ के नेक कामों में ह़िस्सा लेने के लिए ख़ूब ख़ूब इनफ़िरादी कोशिश जारी रखें, اِنْ شَآءَ اللّٰہ इस की ढेरों बरकतें ज़ाहिर होंगी

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! जिस त़रह़ हमारे ग़ौसे पाक के नानाजान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ विलायत के बुलन्द मन्सब पर फ़ाइज़ थे, जिस त़रह़ हमारे ग़ौसे पाक के वालिदे मोह़तरम رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ आसमाने विलायत का रौशन सितारा थे, जिस त़रह़ हमारे ग़ौसे पाक की वालिदए माजिदा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا अल्लाह पाक की मक़्बूल वलिय्या थीं, इसी त़रह़ हमारे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की फूफीजान (Father’s Sister) को भी अल्लाह करीम ने विलायत का बुलन्द मर्तबा अ़त़ा फ़रमाया था, आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا का मक़ामो मर्तबा अल्लाह पाक की बारगाह में इस क़दर बुलन्दो बाला था कि लोग बारिश की दुआ़एं करवाने के लिए ग़ौसे पाक की फूफीजान की पाक बारगाह में ह़ाज़िरी दिया करते और अल्लाह पाक की रह़मत का नज़्ज़ारा करते आइए ! ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की फूफीजान की एक ईमान अफ़रोज़ करामत सुनिए चुनान्चे,

ग़ौसे पाक की फूफीजान की करामत

          एक दफ़्आ़ जीलान में बारिशें न होने की वज्ह से ख़ुश्क साली हो गई, लोगों ने नमाज़े इस्तिस्क़ा (यानी बारिश के लिए पढ़ी जाने वाली नमाज़) पढ़ी लेकिन बारिश न हुई, तो लोग ह़ुज़ूरे ग़ौसे पाक رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ की फूफीजान, ह़ज़रते सय्यिदा उम्मे आ़इशा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا के घर आए और आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا से बारिश के लिए दुआ़ करने की दरख़ास्त (Request) की । ह़ज़रते सय्यिदा उम्मे आ़इशा رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہَا अपने घर के सेह़्न की त़रफ़ तशरीफ़ लाईं और ज़मीन पर झाड़ू दे कर दुआ़ मांगी : ऐ रब्बे करीम ! मैं ने तो झाड़ू दे दी, अब तू छिड़काव फ़रमा दे (यानी बारिश से सैराब फ़रमा दे) । कुछ ही देर में आसमान से बारिश बरसना शुरूअ़ हो गई, लोग