Book Name:Jannat Ki Baharain
- दरया बह रहे हैं और उस के ऊपर अ़र्श है, सो जब तुम अल्लाह पाक से सुवाल करो, तो फ़िरदौस का सुवाल करो ।
(جامع الترمذی، کتاب صفۃ الجنۃ،باب ماجاء فی…الٰخ، الحدیث۲۵۳۹، ج۴،ص۲۳۸)
- जन्नत की इतनी जगह जिस में कोड़ा (या'नी दुर्रा) रख सकें, दुन्या और जो कुछ इस में है, सब से बेहतर है ।
(बहारे शरीअ़त, 1 / 153, بخاری ،کتاب بدءالخلق، باب ماجاءفی صفۃ الجنۃ وانہا مخلوقۃ،۲/۳۹۲ الحدیث:۳۲۵۰)
क़िस्मत में ग़मे दुन्या, जन्नत का क़बाला हो
तक़्दीर में लिखा हो जन्नत का मज़ा करना
(सामाने बख़्शिश, स. 56)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! वाके़ई़ जन्नत की हमेशा रहने वाली ने'मतों का दुन्या की फ़ानी चीज़ों से कोई मुक़ाबला नहीं । यक़ीनन अ़क़्लमन्द शख़्स वोही है जो जन्नत की हमेशा रहने वाली ने'मतों को इस जहान की फ़ानी ने'मतों पर तरजीह़ दे और उन ने'मतों के ह़ुसूल की कोशिश करे जो हमेशा रहने वाली हैं मगर अफ़्सोस ! हमारी अक्सरिय्यत इस बात से ग़ाफ़िल और अपनी ज़िन्दगियों को इस फ़ानी दुन्या की आरज़ी रंगीनियों से रंगने में मसरूफ़ व मश्ग़ूल है ।
याद रखिये ! दुन्या और इस की रंगीनियों की मिसाल उस सांप की त़रह़ है जिसे हाथ लगाएं, तो नर्म व नाज़ुक मा'लूम होता है लेकिन उस का ज़हर जान लेवा होता है, बिल्कुल इसी त़रह़ येह दुन्या भी देखने में बहुत ही ख़ुशनुमा है लेकिन ह़क़ीक़त में बहुत तबाह कुन और हलाकत खे़ज़ है । इस लिये दुन्या की फ़िक्र छोड़िये और आख़िरत बेहतर बनाने पर तवज्जोह दीजिये, मौत से पहले जिस क़दर मुमकिन हो नेकियां कर लीजिये, वरना ब वक़्ते नज़्अ़ पछताने के सिवा कोई चारा न होगा ।