Jannat Ki Baharain

Book Name:Jannat Ki Baharain

के सामने बहने वाली शराब के जाम के साथ, इस से न उन्हें सर दर्द होगा और न उन के होश में फ़र्क़ आएगा और फल, मेवे जो जन्नती पसन्द करेंगे और परिन्दों का गोश्त जो वोह चाहेंगे और बड़ी आंख वाली ख़ूब सूरत ह़ूरें हैं जैसे छुपा कर रखे हुवे मोती हों, उन के आ'माल के बदले के त़ौर पर ।

मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! देखा आप ने ! क़ुरआने पाक की इन मुबारक आयात में अहले जन्नत को दी जाने वाली जन्नती ने'मतों की कैसी मन्ज़र कशी की गई है कि अहले जन्नत बाग़ात में आमने सामने तक्या लगाए

चैन से बैठे होंगे, उन की ख़िदमत पर मामूर ग़ुलाम छलक्ते जाम, लबालब

कूजे़ और आफ़्ताबे उठाए उन के दाएं बाएं ह़ुक्म के मुन्तज़िर होंगे, सामने बहती पाकीज़ा शराबें, मन पसन्द ग़िज़ाएं और उ़म्दा मेवों से उन की तवाज़ोअ़ होगी, अल ग़रज़ ! जन्नत में अहले जन्नत अपने रब्बे करीम की रह़मत के मज़े ले रहे होंगे और त़रह़ त़रह़ की ने'मतों से मुस्तफ़ीद हो रहे होंगे ।

याद रखिये ! जन्नत में मिलने वाली किसी भी ने'मत को दुन्या की किसी भी चीज़ से अदना निस्बत भी ह़ासिल नहीं है । जन्नत में अल्लाह पाक की रह़मत से मिलने वाले इनआमात व इकरामात का दुन्या में मुयस्सर आने वाली अश्या से कोई भी मुवाज़ना नहीं है ।

अह़ादीसे मुबारका

          आइये ! जन्नत के 3 ह़ुरूफ़ की निस्बत से जन्नत के मुतअ़ल्लिक़ तीन अह़ादीसे मुबारका सुनते हैं :

  1. नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया, अल्लाह पाक इरशाद फ़रमाता है : मैं ने अपने नेक बन्दों के लिये वोह ने'मतें तय्यार कर रखी हैं कि जिन्हें न किसी आंख ने देखा, न किसी कान ने सुना और न किसी आदमी के दिल पर उन का ख़त़रा गुज़रा ।

(बहारे शरीअ़त 1 / 152, مسلم ، کتاب الجنۃ وصفۃ نعیمھا  واھلہا ،ص:۱۵۱۶، حدیث:۲۸۲۴)

जन्नत में 100 दरजे हैं, हर दो दरजों में आसमान व ज़मीन जितना फ़ासिला है और फ़िरदौस सब से बुलन्द दरजा है । उस से जन्नत के चार