Jannat Ki Baharain

Book Name:Jannat Ki Baharain

ख़ुद्दाम व ग़िल्मान की कसरत

        कम से कम हर शख़्स के सिरहाने दस हज़ार ख़ादिम खड़े होंगे, ख़ादिमों में हर एक के एक हाथ में चांदी का पियाला होगा और दूसरे हाथ में सोने का और हर पियाले में नए नए रंग की ने'मत होगी ।

(बहारे शरीअ़त, 1 / 157 (الترغیب وا لترھیب، کتاب صفۃ الجنۃ والنار، ، الحدیث: ۷۰، ج۴، ص۲۹۱،

        जितना खाता जाएगा, लज़्ज़त में कमी न होगी बल्कि ज़ियादती होगी, हर निवाले में 70 मज़े होंगे, हर मज़ा दूसरे से मुमताज़, वोह मअ़न (या'नी एक साथ) मह़सूस होंगे, एक का एह़सास दूसरे से रुकावट न होगा, जन्नतियों के न लिबास पुराने पड़ेंगे, न उन की जवानी फ़ना होगी ।

(बहारे शरीअ़त, 1 / 157 (صحیح مسلم، کتاب الجنۃ وصفۃ نعیمھا وأھلھا، باب في  دوام نعیم أھل... إلخ، الحدیث: ۲۸۳۶، ص۱۵۲۱،

जन्नत के बाज़ार और दीदारे रब्बे ग़फ़्फ़ार

        जन्नत में नींद नहीं (क्यूं) कि नींद एक क़िस्म की मौत है । (معجم اوسط ،۱/۲۶۶،حدیث:۹ ۱۹) और जन्नत में मौत नहीं । जन्नती जब जन्नत में जाएंगे हर एक अपने आ'माल की मिक़्दार से मर्तबा पाएगा और उस के फ़ज़्ल की ह़द नहीं । उन्हें दुन्या के एक हफ़्ते की मिक़्दार के बा'द इजाज़त दी जाएगी कि अपने परवर दगार की ज़ियारत करें, अ़र्शे इलाही ज़ाहिर होगा और रब्बे करीम जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ में तजल्ली फ़रमाएगा और जन्नतियों के लिये मिम्बर बिछाए जाएंगे, नूर के मिम्बर, मोती के मिम्बर, याक़ूत के मिम्बर, ज़बरजद के मिम्बर, सोने के मिम्बर, चांदी के मिम्बर और उन में का अदना मुश्क व काफ़ूर के टीले पर बैठेगा और उन में अदना कोई नहीं, अपने गुमान में कुर्सी वालों को कुछ अपने से बढ़ कर न समझेंगे और अल्लाह पाक का दीदार ऐसा साफ़ होगा जैसे आफ़्ताब और चौदहवीं रात के चांद को हर एक अपनी अपनी जगह से देखता है कि एक का देखना दूसरे के लिये मानेअ़ (या'नी रुकावट) नहीं और अल्लाह पाक हर एक पर तजल्ली फ़रमाएगा । उन में से किसी को फ़रमाएगा : ऐ फ़ुलां बिन फ़ुलां ! तुझे याद है, जिस दिन तू ने ऐसा ऐसा किया था ? दुन्या के